कोलकाता पान पायपर बीटल
Kolkata paan, or Piper betel, is a culturally significant plant in South and Southeast Asia, especially in India. While primarily grown for its aromatic leaves used in traditional practices, it can also find a place in gardens and outdoor spaces, adding a touch of cultural heritage to the landscape. Whether for cultural significance or potential medicinal uses, Kolkata paan continues to be an integral part of many societies in the region.
जगताप नर्सरी में कोलकाता पान (पाइपर बेटल) की सांस्कृतिक समृद्धि की खोज करें। दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया में पाई जाने वाली यह सदाबहार बेल, अपने दिल के आकार के पत्तों और सुगंधित गुणों के कारण गहरा सांस्कृतिक महत्व रखती है।
जगताप नर्सरी में, हम कोलकाता पान से जुड़ी पारंपरिक प्रथाओं का जश्न मनाते हैं, जिसमें पान की तैयारी में इसकी भूमिका भी शामिल है। हमारे चमकीले और चमकदार पत्ते सुपारी और अन्य सामग्री को लपेटने के लिए एकदम सही हैं, जो सांस्कृतिक रूप से महत्वपूर्ण इस खाद्य पदार्थ के सार को संरक्षित करते हैं।
जगताप नर्सरी के साथ कोलकाता पान की विरासत और सुगंध में डूब जाइए, जहां परंपरा और वनस्पति उत्कृष्टता का मिलन होता है
रोशनी:
अर्ध-छाया से लेकर छायादार क्षेत्रों में पनपता है। फ़िल्टर की गई धूप वाले बगीचों के लिए आदर्श।
पानी:
मिट्टी को लगातार नम बनाए रखें। विभिन्न नमी स्तरों के अनुकूल।
मिट्टी:
इसे अच्छे जल निकास वाली, उपजाऊ मिट्टी में लगाएं जिसका पीएच थोड़ा अम्लीय से लेकर तटस्थ हो।
उर्वरक:
बढ़ते मौसम के दौरान संतुलित, जैविक उर्वरक डालें। पौधों की ज़रूरतों के हिसाब से बदलाव करें।
तापमान:
गर्म और नम वातावरण पसंद करते हैं। ठंडी हवाओं से बचाएं।
प्रसार:
मुख्य रूप से तने की कटिंग के माध्यम से प्रचारित किया जाता है। सफल जड़ जमाने के लिए गर्म, नम वातावरण प्रदान करें।
मिश्रित रोपण अनुशंसाएँ:
कोलकाता पान को इन साथी पौधों के साथ मिलाकर एक सामंजस्यपूर्ण उद्यान बनाएं:
एग्लोनिमा किस्में
कैलेडियम
फर्न (विभिन्न किस्में)
अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी सुनिश्चित करें और मिश्रण में प्रत्येक पौधे की विशिष्ट प्रकाश वरीयताओं पर विचार करें। यह संयोजन एक आकर्षक और सांस्कृतिक रूप से महत्वपूर्ण उद्यान प्रदान करता है
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